बुधवार, 10 नवंबर 2010

जो दोगे वही पाओगे

यदि तुम रो रहे हो, चिल्ला रहे हो, सहायता के लिये पुकार रहे हो, पर तुम्हारी कोइ नहीं सुन रहा, तो इसका अर्थ यह है कि तुमने भी अन्यों के दु:ख के समय उनकी ओर ध्यान नहीं दिया, उनसे कोइ सहानुभूति नहीं की। अब तुम्हारे भाग्य में अकेले रोना और कराहना है। इस संसार को तुम जैसा बनाना चाहो वैसा बना सकते हो - सहायता दोगे तो सहायता मिलेगी - तुम्हारा हृदय स्वयम् में यह अनुभव करेगा कि उसे अन्यों से सहायता मिलनी चाहिये। यदि तुम अन्यों को दु:ख या विश्‍वासघात दोगे, तो वह लौटकर तुम्हारे लिये आयेगा - शीघ्र या विलम्ब से। यदि ऐसा चाहते कि तुम्हें इस संसार में प्रेम ही प्रेम मिले, तो जितना सम्भव हो सके, अन्यों को प्रेम दो। तुम्हारा स्वयम् का दिया हुआ प्रेम या घृणा अन्यों के मन/हृदय से तुम्हारे लिये प्रकट हुआ करता है।